विधानसभा में भी उठा था मुद्दा
- विधानसभा में भी ध्यानाकर्षण के दौरान सामुदायिक भवन पर कब्जे का मामला भाजपा विधायकों ने जोर-शोर से उठाया था। वहीँ इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस भी हुई थी। उल्लेखनीय है कि, पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी पर सामुदायिक भवन पर कब्जे का आरोप लगा है, वहीं अब एक और पूर्व मंत्री अमरजीत भगत पर भी ऐसा ही कब्जे का आरोप लगा है। यह मामला लगातार तुल पकड़ रहा है।
डिप्टी सीएम साव ने किया था
उच्चस्तरीय जांच का ऐलान
- भाजपा विधायकों द्वारा मामले पर ध्यानाकर्षण कराए जाने के बाद उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा- सरकारी संपत्ति की सुरक्षा की जायेगी। अब इस इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जायेगी। श्री साव ने ऐलान किया कि, शताब्दी नगर के सामुदायिक भवन पर पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया की समिति द्वारा कब्जे की जांच होगी। श्री साव ने कहा कि, सदन में घोषणा करते हुए कहा कि, तीन महीने के भीतर की जाएगी मामले की जांच। जांच रिपोर्ट में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। जांच के दौरान के जिनके नाम सामने आयेंगे, उनसे पूछताछ भी की जायेगी।
नगर निगम नेता प्रतिपक्ष
मीनल चौबे ने उठाया था मुद्दा
- नगर निगम की सामान्य सभा में प्रश्नकाल के दौरान नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने गुरु घासीदास वार्ड के शताब्दी नगर कालोनी में नगर निगम के सामुदायिक भवन पर शकुन डहरिया की समिति का कब्जा होने का आरोप लगाया था। दस्तावेजों के साथ नेता प्रतिपक्ष ने सदन में दहाड़ते हुए कहा, शकुन डहरिया ने राजश्री सद्भावना समिति के नाम से सामुदायिक भवन पर कब्जा कर रखा है। समिति की वो अध्यक्ष हैं, उनके लेटरपैड और उनके हस्ताक्षर के साथ जोन 10 के आयुक्त के नाम आवेदन किया गया था, जिसमें शताब्दि नगर में निर्मित सामुदायिक भवन का संचालन व हस्तांतरण करने की अनुमति मांगी गई थी। इस पर मेयर इन काउंसिल की 16 जून 2022 की हुई बैठक में प्रस्ताव रखा गया। इसे एमआईसी द्वारा पारित किया गया था। यह मामला निगम में भी उठा था।
3 करोड़ रूपये सरकारी
राशि खर्च करने का आरोप
- पूर्व मंत्री डॉ. शिव डहरिया की पत्नी शकुन की निजी समिति का सामुदायिक भवन को चमकाने नगर निगम और रायपुर स्मार्ट सिटी ने 3 करोड़ खर्च कर दिए थे, इसको लेकर भी सवाल उठे है। आलीशान साज-सज्जा के साथ इस भवन में 55 इंच से लेकर 75 इंच की चमचमाती 3 टीवी 5 लाख 20 हजार रुपए में खरीदी गई थी। कपड़ा धोने 62 हजार रुपए की वाशिंग मशीन, मेहमानों के बैठने के लिए 6 सीटर आधा दर्जन से ज्यादा सोफासेट खरीदे गए, जिसमें एक सोफासेट की कीमत 40 हजार रुपए रही। सागौन की लकड़ी से बने 8 फीट के दरवाजे में 10 हजार हजार के स्पेशल लॉक लगाए गए। इस भवन को हैंडओवर लेकर निगम ने सीलबंद कर दिया था। वहीं सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा की शिकायत पर 3 करोड़ में जुटाई सुविधाओं की पड़ताल सोमवार से शुरू हो गई था। इन सबकी सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी जांच करेगी।