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व्यापार जगत : बिहार के दो नौजवानों ने किया लेमन ग्रास की खेती की ओर रुख, बनाई लेमन ग्रास की चाय

- निजी जीवन में कहते हैं कि अगर इंसान ठान ले तो वह क्या नहीं कर सकता और ऐसा ही कर दिखाया भागलपुर जिले के दो भाई रौनक दुबे और रमन दुबे ने। बैंगलोर रिटर्न एम बी ए ने लाखों का पैकेज ठुकरा दिया और लेमन ग्रास की खेती कर चाय बेचने का काम शुरू कर दिया भागलपुर जिले के दुबौली गांव के रहने वाले रौनक दुबे और रमन दुबे ने लाखों रुपए का पैकेज छोड़कर चाय का बिजनेश शुरू कर दिया। बैंगलोर से वापस आए रमन ने अब तक लाखों का कारोबार कर लिया है।
रौनक दुबे (फाउन्डर)
व्यापारिक सफर
- गोल्डन गेट के नाम से अपने चाय के आउटलेट खोलने के विचार पर काम शुरू कर दिया है। एग्रीफीडर का अगला लक्ष्य बिहार झारखंड समेत देश के अन्य आठ प्रमुख राज्यों में अपने आउटलेट शुरू करना है। साथ ही साथ दिल्ली और मुम्बई में अपनी पकड़ मजबूत करने का काम भी शुरू कर दिया है।
नहीं ली सरकारी मदद
- सबसे बड़ी बात यह रही कि रमन और रौनक ने अपना यह स्टार्टअप बिजनेस बिना सरकारी मदद से शुरू किया। बिहार सरकार की उदासीनता के कारण इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई। यदि बिहार सरकार चाय नीति लागू कर दे तो निश्चित रूप से इस उद्योग को बढ़ावा मिल सकेगा। बिहार सरकार के स्टार्टअप कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित होने के बाद अभी उनके द्वारा घोषित राशि मुहैया कराने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
रमन दुबे (फाउन्डर)
- उन्होंने एग्रीफीडर कंपनी के अंदर सबसे पहले गांव की जमीन पर खेती की बहुत मेहनत और शोध करने के बाद बाजार में एग्रीफीडर लेमनग्रास हर्बल चाय को बाजार में उतारा तथा जब बिजनेस चल निकला तो उन्होंने देश के दूसरे राज्यों में डीलर बनाया और लॉक डाउन में लाखों का कारोबार किया।
यहां से लिया आइडिया
- बिहार कृषि प्रधान राज्य है और बिहार में कृषि पर निर्भरता अधिक है तथा यहां के किसानों के पास समस्याएं भी अन्य राज्यों से अलग है। किसानों के विभिन्न समस्याओं को देखते हुए तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार सृजन की संभावनाओं पर अध्ययन करने के पश्चात मैंने कृषि के माध्यम से अपना कारोबार करने का मन बनाया।
इंटरनेट पर की
चाय पर रिसर्च
- इंटरनेट पर उपलब्ध लेमनग्रास के शोधों के माध्यम से हमने उसमे अन्य औसधिय पदार्थों का मिश्रण कर उसका इस्तेमाल चाय के रूप में किया तथा विभिन्न जानकार लोगो से इस पर विचार विमर्श करने के पश्चात हमने इसे बाजार में उतारा।
प्रिया पान्डे (को-फाउन्डर)
युवाओं को
रोजगार देना प्राथमिकता
- लाखों का पैकेज छोड़कर अपना स्टार्टअप शुरू करने के पीछे मेरा मक़सद कृषि क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं को दूर करना तथा किसानों के आय को बढ़ाना एवं उनके लिए कृषि आधारित उत्पादों के विपणन से उनके लिए रोजगार की संभावनाएं मुहैया करवाना है।
- स्टार्टअप के लिए राजीव दुुुबे ने हमारी मदद की और अब राजीव दुबे के नेतृत्व में हमारा ये उत्पाद देश विदेश में अपनी नई पहचान बना रहा है।
आगामी योजना
एक करोड़ के का लक्ष
- एग्रीफीडर अगले वित्तीय वर्ष में एक करोड़ के व्यवसाय करने की उम्मीद पर प्रयासरत है एवं गोल्डेन गेट के नाम से चाय की ब्रांडिंग कर 25 एक्सक्लूसिव आउटलेट्स खोलने पर भी काम किया जा रहा है। मेरे कार्य की प्रशंसा आप लोग करेंगे और युवा वर्ग भी मेरा साथ देगा तो मेरी इक्षा पूरी होगी और मैं बिहार के लिए कुछ करना चाहता था। जो आज बिहार सरकार के सहयोग से पूरा होता दिख रहा है।चाय का व्यवसाय आसान और लोकप्रिय है और आप इसे किसी भी स्थान पर शुरू कर सकते हैं चाय भारत भर में लोकप्रिय है, आप मुख्य बाजार या लेन में चाय की बिक्री शुरू कर सकते हैं। आपको हर जगह उपभोक्ता मिलेंगे चाय व्यापार शुरू करने के लिए यह बुनियादी कदम हैं।