राजस्थान के सादुलपुर शहर में स्थानीय भगत सिंह चौक के निकट रहने वाली अभावग्रस्त परिवार की एक विधवा महिला के लिए डॉ. रामावतार सोनी वास्तव में भगवान जैसे साबित हुए। डॉ. सोनी ने गंभीर बीमार इस महिला का बिना ऑक्सीजन उपलब्धता के दवाओं से सफल उपचार किया है। गत सोमवार को इस महिला का ऑक्सीज लेवल मात्र 33-40 आ गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमको देवी भार्गव नामक उक्त महिला के ना पति है ना पुत्र है, सिर्फ बेटी और नातिनियाँ है। अभावग्रस्त परिवार की उक्त महिला की तबीयत खराब होने पर उसे इधर-उधर दिखाया गया तथा परिवार के पास जो सीमित पूंजी थी वह भी खत्म हो गई। महिला के गंभीर स्थिति में पहुंचने पर पढ़ने वाली उसकी नातिन ने सामाजिक कार्यकर्ता श्याम जैन के समक्ष गुहार की। ऐसे सेवा कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले श्याम जैन ने महिला का निःशुल्क उपचार की जिम्मेदारी ली।
राजगढ़ शहर केसोनी अस्पताल के निर्देशक एवं प्रमुख चिकित्सक डॉक्टर रामवतार सोनी से बात की तो ऑक्सीजन की समस्या सामने आई। फिर भी डॉ. सोनी ने अपनी उस महिला की स्थिति देखते हुए भर्ती किया। अमको देवी भार्गव का ऑक्सीजन लेवल मात्र 33-40 के मध्य था। आरंभिक उपचार के बाद उसे अन्यत्र ले जाने की सलाह दी गई मगर कहीं पर भी बेड उपलब्ध नहीं हो पाया। तब महिला की एचआरसीटी करवाई गई उसमें स्कोर 20 आया यानी 80% फेफड़े काम नहीं कर रहे थे। अनुरोध करने पर सोनी ने उन्हें अस्पताल में भर्ती किए बिना उपचार करना स्वीकार कर लिया।
डॉक्टर पेशे की सेवायुक्त जिम्मेदारी के अनुसार राजगढ़ शहर के प्रमुख समाजसेवी डॉ रामवतार सोनी ने उपचार आरंभ किया और 48 घण्टे बाद उस महिला की स्थिति सुधार दिखा। उसी उपचार के दौरान शनिवार को महिला की पुनः जांच करवाई गई और उसके स्वास्थ्य में काफी सुधार पाया गया है चुका है। डॉक्टर रामवतार सोनी ने रविवार को। 3 दिन की दवाएं और भी दी है और यही विश्वास जताया है कि खतरे से पूर्णतया बाहर महिला अब पूर्णतः स्वस्थ हो जाएगी।
राजगढ़ क्षेत्र में अपनी तरह का यह पहला मामला है कि इतने कम लेवल के बावजूद ऑक्सीजन की अनुपलब्धता में असहाय परिवार की इस महिला का उपचार किया गया है। इस बात को लेकर जनता में भी सुखद प्रतिक्रिया हो रही है। बताया गया है कि इस बार के कोविड संक्रमण के दौरान सेवाभावी डॉक्टर रामावतार सोनी द्वारा ऐसे 33 रोगियों का उपचार किया जा चुका है और इस महिला का उपचार तो अपनी तरह का पहला मामला है।