विद्यार्थियों के लिए बहुप्रतीक्षितआज 14 नवंबर बाल दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन द्वारा बाल श्री पुरस्कार से विभिन्न विधाओं में पारंगत विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। इस हेतु संगठन द्वारा विशेष तैयारी की जा रही है। गुरु तेज बहादुर धर्मशाला में आयोजित उक्त आयोजन का लाइव प्रसारण यूट्यूब चैनल के माध्यम से किया जाएगा।
कार्यक्रम में जिले के प्रतिभावान छात्र छात्राओं को प्रमाण पत्र मेडल देकर सम्मानित किया जाएगा। विभिन्न विद्यालयों से पंजीकृत लगभग 250 विद्यार्थियों का चयन किया जा चुका है। जो विभिन्न विधाओं में पारंगत हैं। ऐसे विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन द्वारा 14 नवंबर बाल दिवस के अवसर पर बाल श्री पुरस्कार की उपाधि से सम्मानित करते आ रही है।
छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन के जिलाध्यक्ष बलराज नायडू एवं ब्लॉक अध्यक्ष गौरव चंद्राकर ने बताया कि बताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी वृहत स्तर पर बाल दिवस का आयोजन यूनियन द्वारा किया जा रहा है। इस हेतु तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। जिले के अनेक प्रतिभावान विद्यार्थी अपनी विभिन्न विधा जैसे शिक्षा, स्काउड – गाइड, रंगोली, गायन, गीत – संगीत, नृत्य, विज्ञान, चित्रकला, नृत्य का मंचन कर दर्शकों का मन मोह लेंगे, जिले के अनेक विद्यालयों से विद्यार्थियों की प्रविष्टियां प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि उक्त आयोजन में विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन हेतु अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने की सभी से अपील की है।
20 नवंबर को होता था बाल दिवस
साल 1925 से बाल दिवस मनाया जाने लगा और 1953 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 20 नवबंर को बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की, लेकिन यह अन्य देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है. भारत में भी पहले यह 20 नवंबर को ही मनाया जाता था, लेकिन 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद सर्वसहमति से ये फैसला लिया गया कि जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर माना जाए. इस तरह से भारत को दुनिया से अलग अपना एक बाल दिवस मिला।
अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में बच्चों की अच्छी परवरिश को बढ़ावा देना है. भारत में 14 नवंबर को खास तौर पर स्कूलों में तरह-तरह की मजेदार गतिविधियां, फैंसी ड्रेस कॉम्पटीशन और मेलों का आयोजन होता है. बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का एक राष्ट्रीय त्योहार है. बता दें कि कई देश बाल संरक्षण दिवस (1 जून) पर बाल दिवस मनाते हैं।