एयर कमांडर विशाल एक जेट पायलट था। एक लड़ाई में उसके फाइटर प्लेन पर एक मिसाइल लगी पर वह पैराशूट की सहायता से बाहर आ गया। उसने कई अवार्ड जीते और कई मेडल भी।
5 साल बाद एक दिन एक रेस्टोरेंट में विशाल अपनी पत्नी के साथ बैठा था। एक आदमी दूसरी टेबल से उसके पास आया और पूछा “आप कैप्टन विशाल हो ना, जो फाइटर प्लेन चलाते थे, जिसे मिसाइल लगी थी”। विशाल ने आश्चर्य से पूछा “आपको कैसे पता” वह आदमी मुस्कुराया और उस ने जवाब दिया “मैंने ही आपका पैराशूट पैक किया था”।
विशाल आश्चर्यचकित हो गया और उसने सोचा कि यदि उसका पैराशूट उस दिन काम नहीं किया होता तो वह आज यहां नहीं होता। विशाल उस पूरी रात सो नहीं पाया, वह उस आदमी के बारे में सोचता रहा, सोचा मैंने इस आदमी को कितनी बार देखा पर कभी उसे यह नहीं कहा- गुड मॉर्निंग, आप कैसे हो या कुछ और क्योंकि मैं फाइटर पायलट था और वह आदमी सिर्फ एक सेफ्टी वर्कर।
इसलिए दोस्तों यह हमेशा ध्यान रखें कि हमारा पैराशूट कौन पैक कर रहा है, हमें जीवन में बहुत सारे पैराशूट की जरूरत पड़ती है, जब हमारा प्लेन गिर जाता है। जिंदगी में हमें कई बार फिजिकल पैराशूट लगता है, कई बार मेंटल पैराशूट, कई बार इमोशनल पैराशूट, स्पिरिचुअल पैराशूट और फाइनेंसियल पैराशूट भी लगता है और कई बार जीवन की आपाधापी में इन्हें हम हेलो , प्लीज, थैंक्यू कहना और किसी को बधाई देना भूल जाते हैं।
सभी को नववर्ष की हार्दिक
शुभकामनाओ के साथ
मैं उन सब लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने 2022 में मेरा पैराशूट पैक करने में मेरी मदद की, शब्दों से, भावनाओं से, या किसी और तरीके से मेरे लिए 2022 का रास्ता आगे बढ़ाया,धन्यवाद। (रविन्द्र शुक्ला जी से साभार)