
विशेषज्ञों की टीम ने बैंकिंग व
स्कूली शिक्षा में की मदद
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विशेषज्ञों द्वारा 8 जैन परिवारों की
विधिक सहायता का रोड़ मैप तैयार
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- रायपुर/एक्ट इंडिया न्यूज
- वैश्विक महामारी कोरोना ने जैन समाज के अनेक घरों को संकट में डाल दिया है। वर्तमान परिवेश में छोटे परिवार होते हैं। घर के मुखिया की असमय मृत्यु से अनेक विधिक समस्याएं पैदा हो जाती है, घरेलू महिलाओं के लिए व्यवसाय, बैंकिंग प्रणाली, प्रॉपर्टी ट्रांसफर आदि अनेक कार्य समझ से परे होते है। इसमें जालसाजी होने की संभावना बनी रहती है। जैन संवेदना ट्रस्ट ने ऐसे ही आठ परिवारों में सहयोग की आवश्यकता महसूस की है विशेषज्ञों की टीम ने उनकी विधिक सहायता का रोड़ मैप तैयार कर लिया है और आज एक परिवार की मदद आरम्भ की है।

- ट्रस्टी महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने बताया कि छत्तीसगढ़ का परिवार महानगर में रहता था पति जॉब करते थे, कोरोना से संघर्ष करते हुए जीवन हार गए। आपदा पश्चात परिवार छत्तीसगढ़ लौट आया है अब उन्हें स्वावलंबी बनना है। जैन संवेदना ट्रस्ट की बैंकिंग टीम ने आज उस परिवार का सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में खाता खुलवाया, एक लॉकर दिलवाने में मदद की गई, कोरोना महामारी के मद्देनजर बैंक में नॉमिनी तय करने मदद की गई, घर परिवार की जवाबदारी अब महिला पर आ गई है अतः उन्हें बैंक से लेनदेन की सारी प्रक्रिया की ट्रेनिंग दी गई है, ये अभी मदद का एक अध्याय है।
- ट्रस्टी विजय चोपड़ा, कमल भंसाली मोती जैन ने बताया कि ऐसे परिवार के बच्चों का स्कूल में एडमिशन में मदद की गई। अभी कोरोना की वजह से तुरंत टी सी भी नही मिल रही है, अतः स्कूल प्रबंधन से चर्चा कर टी सी जमा करने हेतु एक माह का अतिरिक्त समय दिलवाया गया है। यदि परिवार आर्थिक रूप से सक्षम न हो तो अनेक स्कूलों ने मुफ्त शिक्षा का भरोसा दिलाया है।
व्यापार, व्यवसाय, रोजगार, बैंक
संबंधी कार्यों के लिए
दी जाएगी मदद
- ट्रस्टी महेन्द्र कोचर, विजय चोपड़ा, गुलाब दस्सानी ने कहा कि इन संकटग्रस्त जैन परिवारों के मुखिया के नाम यदि बीमा है या नहीं है और यदि है तो उस राशि को कंपनी से कैसे दिलाया जाए, उस राशि का कैसा उपयोग हो ताकि परिवार की ताउम्र जीविका चले. यदि बैंक खाते में फिक्स डिपाजिट है या अन्य किसी खाते में कुछ राशि जमा है तो उसके आहरण के लिए आवश्यक कागजात कैसे जुटाने हैं, यदि उस जैन परिवार में कुछ भी सम्पत्ति या राशि अब शेष नहीं है तो उस परिवार को कैसे भरण-पोषण के संसाधन जुटाने समक्ष बनाया जाए, कौन सा व्यवसाय उनके अनुकूल है जिसमें उन्हें प्रशिक्षित किया जाए।
- यदि उस परिवार को मुखिया कोई पैतृक या पुराने व्यवसाय का संचालन कर रहा था, तो उस व्यवसाय का पुर्नसंचालन किस तरह किया जाए, विजय चोपड़ा, महावीर मालू ने बताया कि यदि परिवार का मुखिया किसी शासकीय या अर्धशासकीय सेवा में था तो उसके उत्तराधिकारी सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति किस विधि दिलाई जाए आदि इस तरह की अनेक समस्याओं का समाधान विभिन्न क्षेत्रों के एक्सपर्ट्स की मेन कमेटी द्वारा किया जाएगा. ऐसे संकटग्रस्त परिवारों को उन्हीं के संसाधनों से हरसंभव उन्हें मदद पहुंचाना, उन्हें उनके अधिकारों के प्रति सजग व सक्षम बनाना यह इस केंद्रीय समिति का प्रमुख कार्य होगा. ताकि वे कोविड काल के बाद भविष्य में किसी की मदद के मोहताज न रहकर स्वावलम्बी जीवन जीएं।
पहले चरण में 28 वार्डों में बनाई गई
युवाओं की चार सदस्यीय टीमें
- जैन संवेदना ट्रस्ट की तात्कालिक नव सदस्यीय प्रमुख समिति के महेन्द्र कोचर, चन्द्रेश शाह, प्रवीण जैन ने बताया कि इस महत्वपूर्ण सेवा कार्य को अंजाम देने पहले चरण में राजधानी रायपुर के 28 वार्डों में से हर एक वार्ड में युवाओं की चार सदस्यीय टीमें गठित की गई है। युवाओं की ये टीमें ऐसे मुखियाविहीन संकटग्रस्त परिवारों को चिन्हित करने हेतु जानकारी एकत्र कर रही है।
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