छत्तीसगढ़ शासन के भर्ती नियम को ताक में रख चिकित्सा विशेषज्ञ की जिले में हुई भर्ती

सीपीएस डिप्लोमा धारी को दिया जा रहा एमडी/ एमएस पद के विरुद्ध वेतन, प्रसूताओं की जान के साथ किया जा रहा खिलवाड़
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- कोण्डागाँव/एक्ट इंडिया न्यूज से अनुज कुमार
- जिला अस्पताल कोण्डागांव में नियम विरुद्ध भर्ती का मामला सामने आया है, जिसमें डॉ. ऐष्वर्या रेवडकर सीपीएस डिप्लोमा धारी को डिप्लोमा इन गाइनेकोलॉजी एंड ऑब्स्टरट्रिक्स के पद पर नियम विरुद्ध पदस्थ कर योग्यता से कहीं अधिक 99हजार रुपये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से व 1लाख 11हजार रुपये जिला खनिज न्यास निधि से कुल 2लाख 10 हजार वेतन का भुगतान किया जा रहा है।
छ ग मेडिकल काउंसलिंग में पंजीयन ही नही, फिर भी दिया जा रहा चिकित्सा विशेषज्ञ पद का विशेष सैलरी पैकेज
- छत्तीसगढ़ शासन सविंदा चिकित्सा अधिकारी, विशेषज्ञ चिकित्सक भर्ती नियम में ये उल्लेख है की चिकित्सक का छत्तीसगढ़ मेडिकल कौंसिल में पंजीयन होना अनिवार्य है, अगर किन्ही कारणों से पंजीयन नही है तो 03महीने के भीतर पंजीयन कराना अनिवार्य है । परंतु जिला कोण्डागांव में एक चिकित्सक बिना छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीयन के विगत 1 वर्ष से चिकित्सा विशेषज्ञ (गायनेकोलॉजिस्ट) पद पर विशेष सैलरी पैकेज में कार्यरत है ।

- नियमानुसार राज्य मेडिकल काउंसिल में किसी भी चिकित्सक का पंजीयन अनिवार्य होता है, चिकित्सक के मेडिकल कालेज से अध्य्यन उपरांत प्राप्त यूजी डिग्री, पीजी डिग्री ,डिप्लोमा का सम्पूर्ण सत्यापन उरान्त ही उन्हें पंजीयन दिया जाता है।मेडिकल काउंसिल में पंजीयन इस लिए भी आवश्यक है की चिकित्सक द्वारा किये जाने वाली प्रैक्टिस (इलाज, ऑपरेशन इत्यादि) मेडिकल काउंसिल के नियमों के दायरे में हो।
- वर्तमान में तो मेडिकल काउंसिल के ऑफिसियल वेबसाइट में किसी भी चिकित्सक के पंजीयन क्रमांक के माध्यम से समन्धित चिकित्सक के ग्रैजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन जैसे एकेडमीक रिकॉर्ड की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
- परन्तु बिना छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीयन के विशेषज्ञ चिकित्सक के पद पर वो भी गायनेकोलॉजिस्ट पद पर डॉ ऐश्वर्या रेवड़कर एम बी बी एस उपरांत सीपीएस डिप्लोमा धारक 01वर्ष से कार्यरत है और उनके द्वारा गर्भवती मरीजो का उपचार किया जा रहा है।

- हालांकि गर्भवती मरीज़ो की सामान्य जांच तो एम बी बी एस चिकित्सक भी कर सकतें है, पर जब बात आती है गर्भवती महिला के सिजेरियन आपरेशन, गर्भाशय का ऑपरेशन, मेडिको लीगल केसेस, तो गायनेकोलॉजिस्ट की मेडिकल कालेज के एकेडमिक रिकॉर्ड का काफी महत्व होता है, लेकिन जिला अस्पताल कोण्डागांव मे शायद उच्चाधिकारियों को लोगो के स्वास्थय से कोई सरोकार नही है जिसके चलते नियम विरुद्ध नियुक्ति कर दी गई।
सामान्य प्रसव की स्थिति में भी सिजेरियन आपरेशन का प्रसूताओं के परिजनों ने लगाया है आरोप
- जिला अस्पताल में कई बार मरीजो के परिजनों ने इस बात की भी शिकायत की है, के उनके मरीज को सामान्य प्रसव न कर के सीधे सिजेरियन डॉ ऐश्वर्या रेवड़कर द्वारा कर दिया गया, यह भी जांच का विषय है, की अपने 01 साल के कार्यकाल मे डॉ ऐश्वर्या रेवड़कर ने किन – किन मरीजो का सिजेरियन आपरेशन किया तथा इन मरीजो को सामान्य प्रसव न करा के सिजेरियन आपरेशन क्यों किया गया वहीं जांच का विषय यह भी है की उक्त चिकित्सक शासन के विशेष सैलरी पैकेज में हैं जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत स्वीकृत वेतन राशी रुपए 99000 प्रति माह एवं खनिज न्यास निधि से 111000 कुल राशी रुपए 210000 एकमुश्त नियम विरुद्ध दिया जा रहा है।
- अगर ये चिकित्सक सीपीएस डिप्लोमा धारी है तो शासन इतनी सैलरी किस लिए भुगतान कर रही है,व नियमो को ताक में रख एमडी/एमएस के समकक्ष जबरिया सेवाएं लेते प्रसूताओं के जान के साथ क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है यह जांच का विषय है।
–क्या कहते सीएमएचओ–
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