अरावली की पर्वत श्रृंखला में काफी वर्षों से अवैध खनन हो रहा है। उपखंड क्षेत्र में अरावली पर्वत श्रंखला से पत्थरों का अवैध खनन काफी वर्षों से लगातार जारी है। वन विभाग के अधिकारियों को मालूम होने के बावजूद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। प्रशासन कुंभकरण की नींद सो रहा है। प्रशासन की मिलीभगत होने के कारण चारों ओर अवैध खनन जोरों पर है। उपखंड क्षेत्र के पचलंगी, बाघोली, पापड़ा व नवलगढ़ क्षेत्र के टोडपुरा से बजरी माफिया द्वारा ट्रकों, ट्रैक्टर, ट्रॉली से सीकर, झुंझुनू, चूरु, नागौर, डीडवाना सहित दूर-दूर तक बजरी भेजी जा रही है।
उपखंड क्षेत्र से सैकड़ों साधनों द्वारा दिन-रात धड़ल्ले से प्रशासन की मिलीभगत से भूमाफिया द्वारा दूर-दराज तक पत्थर और बजरी भेजी जा रही है। वैसे तो अवैध खनन पिछले काफी समय से हो रहा है। लेकिन वर्तमान स्थिति में जो अवैध खनन किया जा रहा है। उसमें प्रशासन तथा खनन माफियाओं की मिलीभगत से हो रहा है। जिससे अरावली की पहाड़ियों का सौंदर्य करण लुप्त होता जा रहा है। जिस पर वन विभाग तथा प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है।
पहाड़ी के नजदीक रहने वाले लोगों ने बताया कि पहाड़ी में ब्लास्टिंग कर अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे आस पड़ोस में रहने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अवैध ब्लास्टिंग करने की वजह से पहाड़ी के आसपास रहने वाले लोग अपना जीवन दहशत में जी रहे हैं।