रबी फसल पर कीटो के प्रकोप ने क्षेत्र के किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। लॉक डाउन में कृषि दवाई व खाद की दुकान बंद रहने से फसलों में छिड़काव के लिए जरूरी दवाइयां नही मिल पा रही है। ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है। इस सम्बंध में किसान नेता योगेश तिवारी ने बताया कि क्षेत्र के किसानों की लगातार फोन आ रही है। किसानों ने बताया कि लॉक डाउन में किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। एक ओर जहां कीटो के प्रकोप के कारण फसल चौपट हो रही है, वहीं दूसरी कृषि उत्पाद बेचने के भी सारे विकल्प बंद है। खासकर सब्जी उत्पादक को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, लॉकडाउन के कारण पूरी खेती-किसानी ही चौपट हो गई है। नकदी फसल करने वाले किसान भारी आर्थिक तंगी में हैं। इस दौरान इसकी आपूर्ति नहीं के बराबर हुई है।
सब्जी उत्पादक परेशान, फसल
खेतों में ही खराब हो रही है।
सब्जी उत्पादक मोहन पटेल ने बताया कि सब्जी की खेती करने वाले किसान बेहद परेशान है, फुटकर सब्जी दुकान बंद होने से आपूर्ति नही होने के कारण फसल खेतों में ही खराब हो रही है। हालांकि लॉक डाउन की अवधि 26 अप्रैल तक बढ़ाने के दौरान सब्जी विक्रेताओं को हाथ ठेले में तय समय में गली गली सब्जी बेचने की छूट मिली है। बावजूद सब्जी किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योकि दीगर राज्यो में सप्लाई पूरी तरह से बंद है, वही स्थानीय स्तर पर भी बिक्री नही के बराबर है।
जिला प्रशासन से लगाई गुहार
अब रबी फसल गेंहू, धान, सोयाबीन समेत अन्य फसलों में कीटो के प्रकोप के बाद किसान दवाइयों की उपलब्धता को लेकर कृषि केंद्रों शर्तो के साथ खोलने की छूट दिए जाने की गुहार लगाई है, ताकि किसान अपनी फसलों को चौपट होने से बचा सके। कृषक भागी साहू ग्राम ओटेबन्द ने बताया कि प्रशासन की ओर से जल्द निर्णय नही लिए जाने पर किसान की फसल चौपट होने के साथ बर्बादी की कगार में पहुच जाएंगे, इस पर जल्द निर्णय लिया जाना जरूरी है।
“दूरभाष पर कलेक्टर को किसानों की परेशानी से अवगत कराया गया है। कलेक्टर ने किसानों की समस्या को गम्भीरता से सुना और कृषि केंद्र खोलने को लेकर सम्बंधित विभाग से चर्चा कर जल्द निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया है।”