
सिद्धाचल तीर्थ धरा पर आचार्य
भगवंत जिनमणिप्रभ सूरिश्वरजी ने
11 मुमुक्षुओं को प्रदान की दीक्षा
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4 नूतन दीक्षित साधुओं व
7 नूतन दीक्षित साध्वियों ने
गच्छाधिपति के श्रीहस्ते
धारण किया रजोहरण
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- रायपुर/एक्ट इंडिया न्यूज/26/05/2021
- सुविहित उत्सव के प्रथम चरण में श्री सिद्धाचल तीर्थ की पावन धरा में आज बुधवार को खरतरगच्छाधिपति आचार्यश्री जिनमणिप्रभसूरिश्वरजी महाराज साहब द्वारा 11 मुमुक्षुओं को विधिवत दीक्षा प्रदान की गई. इन्हीं मंगलमय क्षणों में राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी के बैद परिवार की धर्मानुरागी पुष्पा देवी बैद विधिवत दीक्षा ग्रहण कर साध्वी सुबोधीश्री बनीं।
- भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव समिति रायपुर-2021 के अध्यक्ष महेन्द्र कोचर , महासचिव चंद्रेश शाह व अमर बरलोटा ने बताया कि धर्मानुरागी श्रीमती पुष्पा देवी बैद विगत कई वर्षों से प्रतिदिन जैन दादाबाड़ी एमजी रोड रायपुर, ऋषभदेव जैन मंदिर सदरबाजार व सम्भवनाथ जैन मंदिर विवेकानंद नगर की पदयात्रा कर दर्शन-वंदन-पूजन करती रहीं, आज के शुभ दिन वे संयम पथ पर अग्रसर हुई, सकल जैन समाज की ओर से महोत्सव समिति ने उनके ज्ञान, दर्शन व चारित्र्य में उत्तरोत्तर वृद्धि एवं उज्जवल संयम जीवन की मंगलकामना की है।
जीवन परिचय : पुष्पा देवी बैद
- मुमुक्षु पुष्पा देवी बैद का जन्म पंडरिया निवासी रामलाल बदामीदेवी डाकलिया परिवार में हुआ, धर्म के प्रति रुचि इनमें बाल्यकाल से ही थी। 18 वर्ष की उम्र में दाढी निवासी माणकलाल बैद के पुत्र मोहनलाल बैद से इनका विवाह हुआ, इनके चार पुत्रियां व एक पुत्र से भरा-पूरा सांसारिक परिवार है। परिवार में स्व. ओंकारलाल बैद के पुत्र राजेंद्र बैद, स्व. लालचंद बैद के पुत्र ज्ञानचंद बैद व ललितकुमार बैद, स्व. मोहनलाल बैद के पुत्र सुनीलकुमार बैद और पौत्र तेजस बैद सहित हीरालाल बैद के पुत्र राहुल कुमार बैद हैं।
- पूज्य आचार्य गुरु पीयूषसागरजी की प्रेरणा से इन्होंने अनेक छोटे-बड़े तप किए हैं, विगत वर्ष 2020 के चातुर्मास एवं गुरुवर्याश्री सम्यकदर्शनाश्रीजी महाराज साहब की प्रेरणा से उनमें संयम अंगीकार करने का भाव जागा, उनके दीक्षा के भाव को समस्त परिवारजनों ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।
11 मुमुक्षुओं ने ली दीक्षा
- पावन सिद्धाचल-पालीतणा तीर्थ भूमि में आज आयोजित दीक्षा महोत्सव में खरतरगच्छाधिपति आचार्यश्री जिनमणिप्रभ सूरीश्वरजी द्वारा 11 मुमुक्षुओं को दीक्षा प्रदान की गई. जिनमें 4 नूतन दीक्षित साधुओं और 7 नूतन दीक्षित साध्वियों ने गच्छाधिपति के श्रीहस्ते रजोहरण धारण किया।
11 मुमुक्षुओं के नाम
- मुमुक्षु रितेश – नूतन मुनि मुकुंदप्रभसागरजी महाराज
- मुमुक्षु राजेश – मुनि मृणालप्रभ सागरजी महाराज
- मुमुक्ष अमित – नूतन मुनि मौलिकप्रभ सागरजी महाराज
- मुमुक्षु महावीर – नूतन मुनि मुकुलप्रभ सागरजी महाराज
- मुमुक्षु पुष्पा बैद – नूतन साध्वी सुबोधिश्रीजी
- मुमुक्षु रुचि – नूतन साध्वी शौर्यबोधिश्रीजी
- मुमुक्षु सोनाजी – नूतन साध्वी सुज्ञप्रभाश्रीजी
- मुमुक्षु विनीताजी – नूतन साध्वी प्रियपूर्वांजनाश्रीजी
- मुमुक्षु भावनाजी – नूतन साध्वी प्रियपुण्यांजनाश्रीजी
- मुमुक्षु माधुरीजी – साध्वी विरांशप्रभाश्रीजी एवं
- मुमुक्षु मुस्कानजी – साध्वी योगरूचिश्रीजी बनीं।
इस पावन प्रसंग पर खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत ने घोषणा की कि सुविहित उत्सव के दूसरे चरण में 3 मुनियों के गणि पदाभिषेक और 10 मुमुक्षुओं के दीक्षा महापर्व का महोत्सव 13 जून को सिद्धाचल में ही आयोजित किया जाएगा।
राजधानी की दीक्षार्थी बहन पुष्पा देवी का सकल जैन समाज ने किया बहुमान