झुंझुनू रेवाड़ी बायपास पर राजस्थान के अनेकों जिलों से आये हुए किसानों की प्रेस वार्ता व मीटिंग हुई जिसमें मरुसेना प्रदेशाध्यक्ष जयन्तमूण्ड झुंझुनू, सुखजीत पदमपुर, रेशम सिंह हनुमानगढ़, किसान आर्मी के मनिन्दर मान श्रीगंगानगर, विनोद खिचड़, रणवीर भादू,राजा धामी,मनोहर सिंह शेरगिल, जीकेएस के रंजीत सिंह राजू की एक कमेटी बनाई गई जिन्होंने आगे की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी ली।
इस बैठक में तय हुआ कि अब सभी किसान संगठन तिरंगे झंडे के नीचे आंदोलन लड़ेंगे व अपने संगठनों के बैनर हटाएंगे। कोई भी किसान साथी अनुशासन हीन मिलेगा उसको आंदोलन स्थल से दूर किया जाएगा और जब तक हम दिल्ली तक नही पहुँचेंगे तक तक संघर्ष जारी रहेगा।
मरुसेना अध्यक्ष जयन्तमूण्ड ने कहा कि हमारी कमेटी आज आस-पास के गांवों में फ्लैग मार्च करेंगे व कृषि काले कानूनों को लेकर गांवों के किसानों में जागृति लाएंगे। 02 दिन में मजबूत रणनीति बनाकर हम आगे की तरफ कूच करेंगे और जब तक किसान की मांगें मानी नही जाएगी तब तक मजबूती से मोर्चो पर अहिंसात्मक तरीके से आंदोलन जारी रखेंगे। शेखावाटी के छात्रनेताओं व किसान नेताओं से लगातार हमारी बातचीत चल रही है व वो हमारे आंदोलन में शामिल हो रहे है।
दो बार बेरिगेट्स तोड़कर राजस्थान के किसानों ने हरियाणा भाजपा सरकार को अपनी ताकत दिखाई है,कृषि बिलों की सबसे ज्यादा मार आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगी। भारत की आजादी के बाद सबसे बड़ा आंदोलन किसान आंदोलन है जिसमें कोई नेता नही है,किसान तेज ठंड व बारिश में तंबुओं में सड़कों पर 40 दिन से बैठा है लेकिन सरकार मौन है।
पुलिस के आँसू गैस हमले व विस्पोटक बमों का प्रयोग किसानों पर किया वो 1997 में कैमिकल वेपन्स सम्मेलन में बैन किये गए थे। बैन होने वाले केमिकल वेपन्स में CS गैस भी शामिल थी जिसका प्रयोग किसान आंदोलन को कुचलने में किया गया है जिसको लेकर हमारे वकील सरकार के खिलाफ 307,308 का मुकदमा दर्ज करवाएंगे।
इस आंदोलन में झुंझुनू की सेठ मोतीलाल कॉलेज के अध्यक्ष राकेश झाझड़िया,सुरेंद्र बराला पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मंडावा कॉलेज महिपाल पूनियां पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजकीय महाविद्यालय नवलगढ़ राकेश सोलाना,अजय डारा,विकास जाट, राजबीर ओलखा, डिम्पल झाझड़िया, विजय पंघाल सहित सैकड़ों छात्रनेता जुटे हुए है।