
जैन संवेदना ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने
सम्मेदशिखर मुद्दे पर राज्यपाल
अनुसुईया ऊईके को सौंपा ज्ञापन
– – – – – – – – – –
- जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने सम्मेदशिखर के सम्बंध में केन्द्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। लेकिन अभी केवल रोक लगाने के निर्देश दिये गए हैं। जैन समाज की मांग है कि झारखंड राज्य केन्द्र को पर्यटन क्षेत्र से मुक्त रखने व पवित्र तीर्थ क्षेत्र बरकरार रखने का प्रस्ताव भेजे और केन्द्र सरकार पारसनाथ पहाड़ी सम्मेदशिखर को इको सेंसिटिव जोन के स्टेटस को रद्द करे। इसी प्रकार पालितना व गिरनारजी तीर्थाधिराज को भी संरक्षित पवित्र तीर्थ क्षेत्र घोषित करे। कोचर व चोपड़ा ने बताया कि हमारा मानना है कि महामंत्र नवकार में असीम शक्ति निहित है, केन्द्र सरकार द्वारा घोषित निर्णय सदैव लागू रहे व तीर्थाधिराज की पवित्रता बरकरार रखने 6 जनवरी पूनम के दिन पार्श्वनाथ परमात्मा को साक्षी रख 1 करोड़ नवकार जाप किया जावेगा।
जैन संवेदना ट्रस्ट ने सम्मेदशिखर मुद्दे पर महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसुईया ऊईके से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधि मंडल में गजराज पगारिया, महेन्द्र कोचर, विजय चोपड़ा, प्रकाश सुराना, सुपारस गोलछा, मदन तालेड़ा शामिल हुए।
6 जनवरी को एक करोड़
नवकार मन्त्र का जाप होगा
- आपको बताते चले कि जैन समाज द्वारा पूर्व निर्धारित घोषणा के अनुसार कल 6 जनवरी पूर्णिमा के दिन एक करोड़ नवकार मन्त्र का जाप किया जायेगा जिसका कारण यह है कि जैन धर्म की वर्तमान चौबीसी में से 20 तीर्थंकर परमात्मा का निर्वाण मोक्ष सम्मेदशिखर में हुआ है, ऐसे पवित्र तीर्थाधिराज को केन्द्र सरकार संरक्षित पवित्र तीर्थ क्षेत्र घोषित करे, इस भावना को लेकर जैन संवेदना ट्रस्ट ने सकल विश्व जैन समाज से 6 जनवरी पूर्णिमा के पावन दिवस एक करोड़ नवकार महामंत्र जाप का आव्हान किया है।

- जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि जैन धर्म के शास्वत महामंत्र नवकार में असीम शक्ति समाहित है। 23 वे तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ जी का निर्वाण सम्मेदशिखर की उतंग चोटी पर हुआ था। पूरे भारत में सर्वाधिक जैन मंदिर पार्श्वनाथ भगवान के हैं। पूनम के दिन पार्श्वनाथ जी की विशेष आराधना का दिन माना जाता है। जैन संवेदना ट्रस्ट व छत्तीसगढ़ जैन समाज ने सम्पूर्ण विश्व के जैन समाज के जिनालय ट्रस्ट, संस्थाओं व प्रत्येक जैन अनुनायियों से अनुरोध किया है कि भगवान पार्श्वनाथ जी का आलंबन लेकर नवकार महामंत्र की एक माला अवश्य फेरे और प्रार्थना करे कि केन्द्र व राज्य सरकार शीघ्र सम्मेदशिखर तीर्थाधिराज को पवित्र संरक्षित क्षेत्र घोषित करे।

- आगे महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि सम्मेदशिखर पारस नाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल का दर्जा देने से उस क्षेत्र की पवित्रता बाधित होगी। इको सेंसेटिव क्षेत्र घोषित होने से पहाड़ियों पर हिंसक प्रवित्तियाँ बढ़ेगी जोकि अहिंसा परमो धर्म को मानने वाले जैन समाज को कतई स्वीकार नही है। कोचर व चोपड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मांग की है कि इस विषय को शीघ्र संज्ञान में लेकर जैन तीर्थ क्षेत्रों को संरक्षण प्रदान करे। एक करोड़ नवकार मन्त्र जाप हेतु सोशल मीडिया, भारत के जैन मंदिर समितियों, संस्थाओं व विदेश में रहने वाले जैन भाई बहनों से सम्पर्क किया जा रहा है। जैन संवेदना ट्रस्ट ने भारत के जैन मतदाताओं से अपील की है सम्मेदशिखर को संरक्षित क्षेत्र घोषित होने तक सभी मतदान का बहिष्कार करे।
एक दिवसीय निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में 600 से अधिक लोगों ने लिया लाभ – लोकेश कावड़िया