नए साल में ट्रेन से लोकल सफर करना महंगा हो गया है। दरअसल, कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन से पहले रायपुर से दुर्ग जाने के लिए यात्रियों को 10 रुपये और बिलासपुर के लिए 25 रुपये का टिकट लेना पड़ता था। अब इस यात्रा के लिए लोगों को 100 रुपये से अधिक खर्च करने पड़ रहे हैं। किराये में ये बढ़ोत्तरी लोकल ट्रेनों के ना चलने की वजह से हो रही है। यात्रियों को मजबूरी में राजधानी के आसपास के इन शहरों में जाने के लिए लंबी रूट की ट्रेनों का सहारा लेना पड़ रहा है और रिजर्वेशन कराना पड़ता है। इसके लिए उन्हें 4 से 10 गुना तक अधिक किराया खर्च करना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक, रायगढ़, डोंगरगढ़, कोरबा और महासमुंद समेत सभी लोकल स्टेशन तक जाने के लिए यात्रियों को बढ़े हुए किराये के हिसाब से यात्रा करनी पड़ रही है। दरअसल, कोरोना की वजह से रेलवे ने जनरल टिकट का विकल्प बंद कर दिया है। साथ ही, लोकल ट्रेनें भी नहीं चलाई जा रही हैं। ऐसे में कम दूरी की यात्रा के लिए भी लोगों को एक्सप्रेस ट्रेनों का सहारा लेना पड़ रहा है और इनके टिकट के लिए कई गुना रुपये भी देने पड़ रहे हैं।
रेल मंत्रालय के मुताबिक जरूरत और मांग के अनुसार देश के अलग-अलग हिस्सों में लोकल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इस पर बिलासपुर जोन व रायपुर मंडल के अफसरों का कहना है कि अभी तक उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है। अधिकारियों का कहना है कि मुख्यालय से निर्देश के बाद ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।
बता दें सितंबर 2020 में करीब एक माह के लिए रायपुर-काेरबा हंसदेव एक्सप्रेस और रायपुर-दल्लीराजहरा डेमू नाम की दो लोकल ट्रेनें शुरू की गई थीं। राज्य में इन ट्रेनों को कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों की वजह से बंद कर दिया गया, लेकिन अब कोरोना की रफ्तार कम होने पर भी इन्हें चालू नहीं किया गया। जानकारों के अनुसार, रेलवे अपनी कमाई बढ़ाने के लिए फेस्टिव स्पेशल ट्रेनों का विस्तार कर रही है। इसका खमियाजा कम दूरी के शहरों में सफर करने वालों को भुगतना पड़ रहा है।