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15 दिन से अगर 100 डिग्री बुखार है, पर कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है तो क्या करें?

- पिछले कई दिनों से देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे थे, लेकिन बीते तीन दिनों में मामले थोड़े कम आए हैं। हालांकि फिर भी प्रतिदिन का आंकड़ा तीन लाख के पार ही है। इस बीच टीकाकरण अभियान भी तेजी से चल रहे हैं। देश में अब तक 15 करोड़ 72 लाख से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं। अब तो कई राज्यों में 18 से 44 साल के लोगों को भी टीके लगाए जा रहे हैं। आइए विशेषज्ञ से जानते हैं कोरोना वायरस और टीकाकरण से जुड़े कुछ सवालों के जवाब…
क्या अब स्पूतनिक वी वैक्सीन भी
लगवा सकते हैं, या ज्यादा प्रभावी है?
- डॉ. मधुर यादव कहते हैं, ‘किसी भी वैक्सीन का लैब रिपोर्ट और मानव शरीर पर असर अलग-अलग होता है। जहां तक स्पूतनिक का है कि इसे 91 प्रतिशत प्रभावी बताया गया है। लेकिन ये भारत के अलग-अलग लोगों में कितनी प्रभावी होती है, इसका प्रयोग करने के बाद पता चलेगा। लेकिन 100 प्रतिशत तो वैसे भी कोई वैक्सीन प्रभावी नहीं है, फिलहाल देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है। ये न सोचें कि कौन से लगवाएंगे, सेंटर पर जाएं और वैक्सीन लगवा लें।’
अगर कोई ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
नहीं करा पा रहा है तो क्या करें?
- दिल्ली स्थित लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर मधुर यादव कहते हैं, ‘अगर किसी को रजिस्ट्रेशन करने नहीं आ रहा है या उनके पास स्मार्टफोन नहीं है तो उसके कई और तरीके हैं। आप सेंटर के नोडल ऑफिसर से संपर्क करें और समस्या बताएं, वो आपको बताएंगे कि कैसे करना है या रजिस्ट्रेशन कराकर वैक्सीन लगवा दें। वैसे रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आरोग्य सेतु ऐप या कोविन पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।’
5 दिन से अगर 100 डिग्री बुखार है,
लेकिन कोविड रिपोर्ट नेगेटिव है
तो क्या करें?
- डॉक्टर मधुर यादव कहते हैं, ‘अगर 15 दिन से बुखार है तो जाहिर है कई तरह की दवा भी ले रहे हैं, तो बंद कर दें। लेकिन क्रोसिन या पैरासिटोमोल ले सकते हैं और समस्या लगे तो डॉक्टर को दिखाएं। इस वक्त ये भी जरूरी नहीं है कि कोरोना हो, क्योंकि गर्मी बढ़ रही है तो लोगों को टाइफाइड आदि भी हो रहा है, इसलिए डॉक्टर से संपर्क करके सही दवा ले सकते हैं।’
अगर वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमण
होगा तो वैक्सीन क्यों लगवाएं?
- डॉ. मधुर यादव कहते हैं, ‘कई बार लोग पूरी बात सुनते और समझते नहीं हैं और आकलन लगा लेते हैं। वैक्सीन की पहली डोज शरीर को तैयार करती है और जब दूसरी डोज लगवाते हैं तो उसके कम से कम दो हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडी बनाना शुरू करते हैं। अब इस बीच जो लोग बाहर जाते हैं, संक्रमण हो जाता है, उन्हें लगता है वैक्सीन काम नहीं कर रही है। इसलिए कहा जाता है वैक्सीन लगवाने के बाद भी नियमों का पालन करें। इसके अलावा दो हफ्ते के बाद भी अगर किसी को संक्रमण हुआ है तो आप देखेंगे उन्हें बीमारी गंभीर नहीं हुई है।’
देश में कोविड की स्थिति और हो रहे
वैक्सीनेशन को कैसे देखते हैं?
- डॉ. मधुर यादव कहते हैं, ‘कुछ समय पहले तक ही हम बात करते थे कि अगर संक्रमण हमारे सुदूर गांव में पहुंच गया तो स्थिति भयावह हो जाएगी। इसके लिए सभी को आगाह किया जाता था कि गांव हो या शहर, हर जगह मास्क, हाथ साफ और सुरक्षित दूरी रखनी है। लेकिन लोगों ने लापरवाही की और आज सभी देख सकते हैं कि स्थिति कैसी है। अब एक ही तरीका है हम जल्द से जल्द टीकाकरण को बढ़ाएं। लेकिन इसमें समय लगेगा, तब तक लोगों को खुद को सुरक्षित रखना होगा। इसलिए जैसे ही नंबर आए, तुरंत जाकर बिना डरे वैक्सीन लगवाएं। देश में अलग 50 प्रतिशत से ज्यादा टीकाकरण हो जाएगा तो कहीं न कहीं कुछ राहत मिल सकती है।’