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WHO ने जारी किया अलर्ट : कोरोना के नए वेरिएंट ने 44 देशों में बढ़ाया टेंशन, जानें क्या है वजह

- नई दिल्ली। देश में पिछले कुछ दिनों से पॉजिटिवटी दर भले ही कम आयी है। लेकिन अभी भी राहत वाली कोई खबर नहीं है। राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन से रिकव्हरी रेट बढ़ी है। इसके बावजूद दुनिया के लगभग 44 देशों में दस्तक देनी शुरू कर दिया है। इ.1.617 वेरिएंट सबसे पहले पिछले साल अक्टूबर में महाराष्ट्र में देखा गया था।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोना का 44 देशों में डिटेक्ट हुआ है। ये सभी देश विश्व स्वास्थ्य संगठन के सभी 6 रीजन में स्थित हैं। कोरोना का इ.1.617 वैरियंट बेहद खतरनाक है। इसी के चलते दूसरी लहर लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है।
- यह वेरिएंट वायरस के ओरिजिनल वेरिएंट की तुलना में अधिक आसानी से फैल रहा है। कोरोना पर काम कर रही डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक मारिया वान केरखोव ने कहा था कि कोरोना का इ.1.617 वैरिएंट का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इसकी जानकारी उपलब्ध हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत के इ.1.617 वैरिएंट वायरस की संक्रमण क्षमता बहुत ज्यादा है।
- अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई नेशनल हेल्थ अथॉरिटीज वेरिएंट इ.1.617 को लेकर चिंता जता चुकी हैं। विश्व स्वाथ्य संगठन के साइंटिस्टों का कहना है कि इसके कुछ म्यूटेशन ऐसे हैं जो ट्रांसमिशन को बढ़ाते हैं और वैक्सीन या नैचुरल इंफेक्शन के बाद एंटीबॉडीज को बनने से रोकते है।
- कोविड-19 के वेरिएंट इ.1.617 के पास वैक्सीन से डिवेलप हुई एंटीबॉडी के बच निकलने की क्षमता है। कोरोना का यह वेरिएंट वैक्सीन की वजह से तैयार हुए सुरक्षात्मक लेयर से बच निकलता है। भारत और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने अधिकतर लोगों के लिए वैक्सीनेशन को ही सुरक्षित पाया है।
- कोरोना का वेरिएंट कोरोना के ऑरिजनल वेरिएंट के मुकाबले 2.6 गुना अधिक संक्रामक है। इतना ही नहीं यह यूके वेरिएंट से 60 परसेंट अधिक संक्रामक है। वेरिएंट कम से कम तीन सब वेरिएंट में म्यूटेट हो चुका है। ये तीन सब-वेरिएंट इ.1.617.1, इ.1.617.2 और इ.1.617.3 हैं।
वैश्विक स्तर पर ‘चिंताजनक स्वरूप’ की श्रेणी में
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड के स्वरूप (बी-1617) को वैश्विक स्तर पर ‘चिंताजनक स्वरूप’ की श्रेणी में रखा है। डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 तकनीकी दल से जुड़ीं डॉ. मारिया वैन केरखोव का कहना है कि वायरस के इस स्वरूप को लेकर डब्ल्यूएचओ के विभिन्न दलों के बीच भी चर्चा जारी है। उनकी नजर इस बात पर भी है कि हमारे पास इसकी संक्रमण के बारे में क्या क्या जानकारियां हैं। भारत व अन्य देशों में इस वायरस के प्रसार के बारे में क्या क्या अध्ययन हो रहे हैं।
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